सिंधिया अगर नयी पार्टी बनाते हैं तो उसमें शामिल होने वाला मैं पहला होऊंगा: राठखेड़ा

ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने टि्वटर एकांउट के स्टेटस से कांग्रेस पार्टी का नाम हटाये जाने के बाद मध्यप्रदेश के राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह संगठन से नाखुश हैं। राठखेड़ा ने शिवपुरी में कहा कि यद्यपि मेरे और महाराज (सिंधिया के समर्थक उन्हें इसी संबोधन से बुलाते हैं) के लिये पार्टी सर्वोपरि है।



भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के विधायक सुरेश राठखेड़ा ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया यदि नया राजनीतिक दल बनाते हैं तो वह उसमें शामिल होने वाले सबसे पहले व्यक्ति होगें। हालांकि, इसके साथ ही सिंधिया के कट्टर समर्थक शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक राठखेड़ा ने सिंधिया द्वारा नई पार्टी बनाने की किसी भी संभावना से इंकार किया। सिंधिया द्वारा अपने टि्वटर एकांउट के स्टेटस से कांग्रेस पार्टी का नाम हटाये जाने के बाद मध्यप्रदेश के राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह संगठन से नाखुश हैं। राठखेड़ा ने शिवपुरी में कहा कि यद्यपि मेरे और महाराज (सिंधिया के समर्थक उन्हें इसी संबोधन से बुलाते हैं) के लिये पार्टी सर्वोपरि है।


महाराज ऐसा कोई कदम नहीं उठायेंगे। मेरे लिये सिंधिया इष्ट देव की तरह हैं। मैं उनका सेवक हूं।'' राठखेड़ा ने यह भी कहा, ''पत्रकारों के बार-बार कुरेदने पर बयान दिया है अन्यथा महाराज से मेरी ऐसी कोई बात नहीं हुई है।'' इससे पहले राठखेड़ा ने इस संबंध में एक बयान देते हुए कहा कि सिंधिया के छोड़ने की कहीं कोई संभावना नहीं है। वह किसी अन्य पार्टी में नहीं जाएंगे। ''श्रीमंत सिंधिया एक मात्र ऐसे नेता हैं जो खुद जब चाहेंगे, नई पार्टी खड़ी कर देंगे और यदि ऐसा होता है तो मैं पहला व्यक्ति होऊंगा जो उनके साथ खड़ा नजर आएगा।'' सिंधिया के बारे में चल रही राजनीतिक चर्चा के बीच कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने कहा कि सिंधिया एक मजबूत नेता हैं और उनकी क्षमताओं का इस्तेमाल पार्टी की प्रदेश इकाई को करना चाहिए। बुधवार को हरदा में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सिंधिया को खुलकर बोलने की सलाह भी दी। असलम ने कहा, ''पार्टी में सिंधिया के ऐसे समर्थकों की बड़ी संख्या है जो उनके लिये कुछ भी कर सकते हैं।


ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस को उनके प्रचार के कारण सफलता मिली। इससे कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने में मदद मिली।'' इस बीच सिंधिया के करीबी माने जाने वाले प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि राठखेड़ा की टिप्पणियां उनके निजी विचार हैं। उन्होंने कहा, ''सिंधिंया ने कई बार स्पष्ट किया है कि वह कांग्रेस में हैं। विधायक के विचार एक काल्पनिक स्थिति पर आधारित हैं।'' ग्वालियर के पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल ने भी कहा कि सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें निराधार हैं। अग्रवाल ने कहा, ' सिंधिया कांग्रेस में हैं और हम सब उनके साथ हैं।'' अपने परिवार के गढ़ गुना लोकसभा सीट से इस साल की शुरुआत में चुनाव हार चुके सिंधिया भी कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को  निराधार  बताते हुए खारिज कर चुके हैं। सिंधिया ने कहा कि उन्होंने फीडबैक मिला था कि उनका स्टेटस लम्बा है और इसे छोटा किया जाना चाहिये। इसके बाद उन्होंने एक माह पहले अपना ट्विटर बायो बदल दिया। उनके ट्विटर बायो में पहले लिखा था,  पूर्व सांसद गुना (2002-2019), पूर्व केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री; पूर्व राज्यमंत्री वाणिज्य और उद्योग, पूर्व राज्यमंत्री संचार, आईटी और पोस्ट । सिंधिया ने हाल ही में अपना स्टेटस बदलकर सिर्फ ''लोक सेवक और क्रिकेट उत्साही'' लिखा है।